दरक और गुड़: माइग्रेन से छुटकारा पाने के प्राकृतिक उपाय
माइग्रेन एक खास तरह का सिरदर्द होता है. यह दर्द सिर के एक या दोनों हिस्सों में हो सकता है.
माइग्रेन का दर्द मध्यम से लेकर गंभीर तक हो सकता है. यह दर्द अक्सर शारीरिक गतिविधि, प्रकाश, ध्वनि या गंध से और बढ़ जाता है. साथ ही, इससे मतली, उल्टी और ध्वनि, प्रकाश और/या गंध के प्रति संवेदनशीलता होती है.
माइग्रेन होने से पहले शरीर में कुछ लक्षण या बदलाव दिखने शुरू हो जाते हैं. इन लक्षणों को पहचानकर इलाज ज़रूरी है.
- गुड़ और दूध का सेवन
- अदरक का सेवन
- दालचीनी
- लौंग का सेवन
- ठंडी सिंकाई
- हीटिंग पैड
- सिर की मालिश
- तेज़ रोशनी से बचें
आम तौर पर, माइग्रेन 4 घंटे से लेकर कई दिनों तक रहता है.
हालांकि, ज़्यादातर लोगों में, माइग्रेन समय-समय पर होता है. यानी, महीने में 15 दिनों से कम. 50 साल की उम्र के बाद, सिरदर्द अक्सर कम गंभीर हो जाते हैं या पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं.
माइग्रेन का दर्द सामान्य सिरदर्द से ज़्यादा समय तक रह सकता है. यह दर्द आमतौर पर सिर के एक तरफ़ बहुत तेज़ दर्द के साथ शुरू होता है.
माइग्रेन के अटैक में, मरीज़ के आधे सिर में या फिर दोनों तरफ़ असहनीय दर्द होता है. अगर व्यक्ति किसी मनोचिकित्सक से इलाज नहीं करवाता, तो इसका असर लगभग 4 घंटे से लेकर 3 दिन तक मरीज़ को परेशान कर सकता है.